कोरोना काल के कारण बदली फिजां में ज्यादातर काम आनलाइन हो गए हैं। ऐसे में गांवों के प्रधान भी आनलाइन हो गए और उनका शपथग्रहण समारोह भी। पिछले दिनों यूपी में हुए पंचायत चुनाव के बाद विजयी प्रत्याशियों ने डिजिटल शपथ ली। इनमें अभी भी उन ग्राम पंचायतों के प्रधानों का शपथ ग्रहण नहीं हो सका है, जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या दो तिहाई नहीं है।
बात यूपी के कुशीनगर जिले की करें तो यहां 935 गांवों में ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों ने आनलाइन शपथ ली। इनमें कुशीनगर के ग्राम नहवांडीह के प्रधान नारायण कुशवाहा भी शामिल हैं। दुदही विकास खण्ड के ग्राम पंचायत नरहवांडीह में प्रधान नारायण और अन्य निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्यों को वीडियो कॉल के माध्यम से बीडीओ संदीप सिंह ने शपथ दिलाई, जिसके बाद सचिव इमरान ने शपथपत्र एकत्र कर अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रेषित किया। शपथ ग्रहण के बाद अनबायस्ड इंडिया के संवाददाता से बातचीत में नारायण कुशवाहा ने बताया कि ग्राम पंचायत में कुल 959 वोटर हैं, जिनमें 739 वोट पड़े थे। इन 739 में से उन्हें 278 वोट हासिल हुए, जबकि चुनाव में उनके अलावा शैलेश कुशवाहा, मुन्ना उर्फ जितेंद्र दुबे, शबनम और राजेश पांडेय भी मैदान में थे। जनता ने जब उन पर इतना भरोसा जताया है तो वे काम करके भी दिखाएंगे।
नारायण से यह पूछने पर कि गांव में सड़क पहले से है, बिजली है, स्कूल है तो आप और क्या काम करेंगे, जिससे जनता को आपको चुनने के बाद पछताना न पड़े। इस पर नारायण ने कहा कि उनके काम की प्राथमिकता में स्ट्रीट लाइट है क्योंकि नरहवांडीह में बिजली पहुंचने के बाद भी गलियों में अंधेरा रहता है। वहीं, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र और विवाह भवन की भी जरूरत है। ग्राम पंचायत में लागू योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक बगैर किसी भेदभाव के पहुंचाना उनकी प्राथमिकता में होगी। यह पूछने पर कि क्या नरहवांडीह ग्राम पंचायत के कार्यों में भ्रष्टाचार मिटेगा, क्योंकि पिछले प्रधान तो भ्रष्टाचार के मामले में कुछ महीनों तक निलंबित भी रहे थे और शायद यही सबसे बड़ा कारण रहा कि ग्रामवासियों ने मौका मिलने पर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया। इस पर नारायण कहते हैं कि वह गांव की जनता के प्रतिनिधि है। गांव के लोगों के लिए जो भी योजना आएगी, उसका हक उन्हें मिलेगा। इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा।
फिलहाल, नरहवांडीह समेत कुशीनगर और समस्त यूपी के प्रधान अपने ग्रामवासियों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं, यह देखने वाली बात होगी। यह देखना अभी बाकी है कि शपथ के बाद कुशीनगर समेत यूपी के कितने प्रधान उस पर खरा उतरते हैं।