मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और एसीपी की चैट वायरल, गृहमंत्री हर माह मांगते हैं सौ करोड़

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के एक पत्र ने महाराष्ट्र ही नहीं, देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे इस पत्र में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही कराने के आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं, इन आरोपों को पुष्ट करने के लिए परमबीर सिंह ने एसीपी पाटिल से व्हाट्सएप पर हुई अपनी चैट भी मेल के साथ भेजी है। यह चैट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह चैट 16 से 19 मार्च तक की है।

पूरी चैट पढ़िए

परमबीर सिंह : पाटिल, होम मिनिस्टर और पलांडे (होम मिनिस्टर के पर्सनल असिस्टेंट) ने तुम्हें कितने बार, रेस्टोरेंट बताए थे? तुम उनसे फरवरी में कब मिले थे और कितना एक्सपेक्टेड कलेक्शन की जानकारी तुम्हें दी गई थी?

(परमबीर सिंह के मैसेज का एसीपी पाटिल ने देर तक जवाब नहीं दिया तो उन्होंने एक और मैसेज भेजा)

परमबीर सिंह: अर्जेंट प्लीज

एसीपी पाटिल: 1750 बार और इस्टैब्लिशमेंट। हर इस्टैब्लिशमेंट से तीन लाख रुपये वसूलने की बात हुई थी। इसके हिसाब से हर महीने में 50 करोड़ रुपये का कुल कलेक्शन। पलांडे ने डीसीपी इंफोर्समेंट (राजू भुजबल) के सामने चार मार्च को मुझे यह सब बताया था।

परमबीर सिंह: और तुम इससे पहले एचएम (गृह मंत्री) से कब मिले थे?

एसीपी पाटिल: हुक्का ब्रीफिंग से चार दिन पहले।

परमबीर सिंह: और वझे एचएम से किस तारीख को मिला था?

एसीपी पाटिल: सर, वह तो मुझे नहीं पता है।

परमबीर सिंह: तुमने बताया था कि वो तुम्हारी मीटिंग से कुछ दिन पहले ही वह मिला था?

एसीपी पाटिल: हां सर, लेकिन वह फरवरी महीने के अंत की बात है।

परमबीर सिंह: पाटिल, मुझे कुछ और जानकारी चाहिए। क्या वझे (एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वझे), गृहमंत्री से मिलने के बाद तुमसे मिला था?

एसीपी पाटिल: हां सर, वझे गृह मंत्री से मीटिंग के बाद मुझसे मिला था।

परमबीर सिंह: क्या उसने तुम्हें कुछ बताया था कि वह गृहमंत्री से क्यों मिला था?

एसीपी पाटिल: सर, वझे ने मुझे बताया था कि 1750 इस्टैब्लिशमेंट हैं जिनसे उसे हर महीने तीन लाख रुपये का कलेक्शन गृहमंत्री के लिए करना था। यह करीब 40 करोड़ से 50 करोड़ होता है।

परमबीर सिंह: ओह! यही बात तो तुम्हें गृहमंत्री ने भी बताई थी?

एसीपी पाटिल: चार मार्च को पलांडे ने वही बात कही।

परमबीर सिंह: अच्छा! तुम पलांडे को चार मार्च को मिले थे क्या?

एसीपी पाटिल: हां सर, मुझे वहां बुलाया गया था।

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