4 अगस्त की शाम लेबनान की राजधानी बेरुत में एक ज़ोरदार विस्फोट हुआ जिसमें ना सिर्फ लोगों की जानें गईं बल्कि अनेक लोग घायल भी हुए। विस्फोट की धमक ऐसी थी जो करीब 250 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। चंद सेकेंड्स में इमारतें ताश के पत्तों की तरह गिरने लगी और जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। इस त्रासदी को अबतक की सबसे बड़ी औद्योगिक घटनाओं में से एक माना जा रहा है। विस्फोट का मुख्य कारण था अमोनियम नाइट्रेट जिसका उपयोग यूं तो उर्वरक के रुप में किया जाता है लेकिन कैसे ये भयंकर विस्फोटक बन गया। आइए इसकी केमिस्ट्री यानि रसायन विज्ञान को समझते हैं।
क्या होता है अमोनियम नाइट्रेट ?
अमोनियम नाइट्रेट सफेद रंग का गंधहीन रासायनिक पदार्थ है, जो अमोनिया (Ammonia) और नाइट्रोजन (Nitrogen) से मिलकर बनता है। इसे विश्व भर में फर्टीलाइज़र यानि कि उर्वरक के रुप में उपयोग में लाया जाता है। खनन उद्योग में अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग विस्फोटक के रुप में भी किया जाता है।
कैसे बन जाता है विस्फोटक ?
अमोनियम नाइट्रेट अपने आप नहीं जलता बल्कि ये ऑक्सीजन के स्रोत के रुप में काम करता है। ये दूसरी चीज़ों की ज्वलनशीलता यानी कि जलने की प्रक्रिया को तेज़ कर सकता है। जैसे ही अमोनियम नाइट्रेट पर ऊर्जा आग के रुप में लगाई जाती है तो इसके अणु स्थिर नहीं रहते। अमोनियम नाइट्रेट में नाइट्रोजन दो अलग-अलग ऑक्सीडेशन अवस्थाओं में होता है, इन दोनों के बीच एक एग्ज़ोथर्मिक रिएक्शन होता है। इसमें नाइट्रेट, ऑक्सीडाइज़र तो वहीं अमोनियम रिड्यूसिंग एजेंट की तरह व्यवहार करता है। अगर ये प्रतिक्रिया पूरी तरह से स्वच्छ है तो इसमें केवल डाईनाइट्रोजन, पानी और थोड़ी ऑक्सीजन उत्पन्न होती है वहीं नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड बाइप्रोडक्ट के रुप में उत्पन्न होती है । अब जैसा कि सभी उत्पाद गैसीय अवस्था में होते हैं जिससे अचानक दबाव बढ़ता है जो सुपरसोनिक स्पीड के साथ आगे बढ़ता है और विस्फोट को अंजाम देता है।
क्यों बनती है आकाश में मशरुम जैसी आकृति ?
बेरुत में हुए विस्फोट के बाद आकाश में बने मशरूम जैसे बादलों को देखकर लोग कयास लगा रहे थे कि ये विस्फोट परमाणु हथियार के कारण हुआ है लेकिन ऐसे बादल आद्र हवाओं में एक बड़े विस्फोट के कारण भी बनते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि अचानक हुए शॉक वेव के पीछे एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र उत्पन्न होता है जो पानी के सूक्ष्म कणों को संघनित कर देता है और ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर अमोनियम नाइट्रेट को ठीक तरह से स्टोर किया जाए तो ये सुरक्षित रहता है, लेकिन अगर बड़ी मात्रा में ये पदार्थ लंबे समय तक रखा रह जाए तो ये धीरे –धीरे नमी को सोख कर ठोस के रुप में बदल कर खतरनाक हो जाता है। ऐसे में किसी भी तरह की आग अगर इस तक पहुंचती है तो रासायनिक प्रतिक्रिया तेज़ हो जाती है और बड़ा विस्फोट होता है।
विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने के लिए पढ़ते रहिए…