1 अक्टूबर 2020 | आज का पंचांग

विषयों और वस्तुओं के प्रमुख पांच अंगों को पंचांग कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के ये पांच अंग हैं— तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण।
आचार्य राजेश के अनुसार, वैदिक पंचांग में इन्हीं पांच अंगों की जानकारी दी जाती है

श्री विक्रम संवत : 2077
ऋतु : शरद
मास : अधिक आश्विन
पक्ष : शुक्ल
तिथि : पूर्णिमा (रात्रि 1:26 बजे तक, उपरांत प्रतिपदा तिथि)
नक्षत्र : उत्तराभाद्रपद (शेषरात्रि 6:02 बजे तक, उपरांत रेवती नक्षत्र)
योग : वृद्धि (रात्रि 9:44 बजे तक, उपरांत ध्रुव योग)
करण : विष्टि (दोपहर 1:30 बजे तक, उसके बाद बव रात्रि 2:37 बजे तक)
सूर्योदय : सुबह 6:06 बजे
सूर्यास्त : शाम 5:54 बजे

आज का दिशाशूल
दक्षिण दिशा और आग्नेय कोण (दक्षिण पूर्व)

दिशाशूल का निदान
आज के दिन यात्रा करना अति आवश्यक होने पर दही खाकर यात्रा निकल सकते हैं। तुलसी में जल का अर्घ्य दें और आशुतोष भगवान शिव शंकर को जलाभिषेक करके उत्तर की तरफ से यात्रा प्रारंभ करें। इससे रास्ते का दोष समाप्त हो जाएगा।

आज का राहुकाल
दोपहर 1:16 बजे से 2:45 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11:23 बजे से दोपहर 12:11 बजे तक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *