Death Anniversary | फ्लॉप शो के हिट कॉन्सेप्ट वाले जसपाल भट्टी

वो एक बेहतरीन राइटर थे, कॉमेडियन थे, व्यंग्यकार थे और एक शानदार शख्सियत वाले इंसान भी थे। सिस्टम की नाकामियां हों या फिर समाज की कमियां, उन्होंने हर मुद्दे को कॉमेडी की चाशनी में घोलकर लोगों के सामने रखा और फिर भी किसी को मिर्ची लगी तो उन्होंने कहा, मैं क्या करुं। मैं बात कर रही हूं आम आदमी की आवाज़ माने जाने वाले जसपाल भट्टी की। जो 25 अक्टूबर 2012 को एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए और इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

किंग ऑफ कॉमेडी और किंग ऑफ सटायर के नाम से मशहूर जसपाल भट्टी का अंदाज़ सबसे अलग था। यही वजह है कि उनके जाने के बाद उनके सुपरहिट शो ‘FLOP SHOW’ की तर्ज पर कई शो आए पर वो असर नहीं छोड़ पाए, जो जसपाल भट्टी साहब ने अपने शो के ज़रिए कर दिखाया।

अमृतसर के जसपाल भट्टी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान महसूस किया कि वो तो कॉमेडी के लिए बने हैं। बस फिर क्या था, उन्होंने नॉनसेंस क्लब बनाया और नुक्कड़ नाटक शुरु कर दिया। फिर उन्होंने एक समाचार पत्र में बतौर कार्टूनिस्ट काम किया। अपने बनाए कार्टून्स के ज़रिए भट्टी साहब लोगों के घरों में पहुंचने लगे। लेकिन उन्हें पहचान मिली दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले उनके पहले शो ‘उल्टा पुल्टा’ से। इस शो में सिस्टम पर सटायर (satire on system) का उनका अंदाज़ लोगों को बहुत पसंद आया और वो एक Known Personality बन गए।

उल्टा पुल्टा के बाद भट्टी साहब लेकर आए फ्लॉप शो। इसका नाम भले फ्लॉप शो रहा लेकिन ये शो अपने पहले एपिसोड के साथ ही हिट हो गया। लेकिन दस एपिसोड बाद ही इस शो को बंद करना पड़ा था, क्योंकि कहते हैं कि कुछ सियासतदानों को इस शो में भट्टी साहब का सिस्टम के तौर तरीकों पर objection का तरीका पसंद नहीं आया, और उसका reaction कुछ ऐसा हुआ कि शो को बंद करना पड़ा।

इसके अलावा जसपाल भट्टी ने टीवी के लिए फुल टेंशन, हाय जिंदगी बाय जिंदगी और थैंक्यू जीजाजी शोज़ बनाए। छोटे परदे के साथ साथ वो बड़े परदे पर भी नज़र आए। फिल्म ‘फना’, ‘कुछ मीठा हो जाए’, ‘कुछ ना कहो’, ‘कोई मेरे दिल से पूछे’, ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘आ अब लौट चलें’, ‘इकबाल’, ‘कारतूस’ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने काम किया।
काम तो वैसे उन्होंने दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी किया। 2013 में चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें अपना ब्रांड एंबैसडर इस सोच के साथ बनाया कि भले ही पीछे बैठने वाले के लिए सीट बैल्ट लगाने का कोई नियम नहीं है, लेकिन फिर भी अगर उन्होंने सीट बैल्ट लगाया होता तो आज वे ज़िंदा होते।
पद्म भूषण से सम्मानित जसपाल भट्टी साहब ने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन जब तक दुनिया में कॉमेडी और व्यंग्य है तब तक भट्टी साहब का नाम है, क्योंकि उनके जैसा न कोई है और शायद कोई होगा भी नहीं। क्योंकि सदियों में कोई एक ही होता है फ्लॉप शो का हिट जसपाल भट्टी।

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