बहारों फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है, इस गाने की नायिका को देख ऐसा लगा जैसे इसका एक एक शब्द उन्हीं के लिए हो। एक ऐसी अभिनेत्री जिनकी आंखें बोलती हैं। एक ऐसी कलाकार जिन्होंने अपने निभाए हर किरदार को ज़िंदा कर दिया। मैं बात कर रहा हूं एवरग्रीन डिवा (Evergreen Diva Vaijyanti Mala) की।
मैं बचपन से ही वैजयंती माला जी का मुरीद रहा हूं। जब भी उनका कोई गाना या फिल्म देखता हूं तो उसी दौर में लौट जाता हूं जहां ज़िक्र है उनकी अदाओं का, तो आइए आज आपको उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ किस्से सुनाता हूं। इस लाइन के साथ मुझे उनका वो गाना याद आ गया, ‘कैसे समझाऊं ,बड़े नासमझ हो’। वैसे जब शम्मी कपूर साहब ने उनके लिए गाया ‘बदन पर सितारे लपेटे हुए’ तो वाकई ऐसा लग रहा था कि वो एक ऐसा चांद हैं जिसके चारों तरफ सितारे झिलमिला रहे हों।
वैसे प्यार से वैजयंती माला जी को ट्विंकल टोज़ नाम भी दिया गया। तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मी वैजयंती माला ने मात्र तेरह साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा। उनकी पहली तमिल फिल्म है ‘वड़कई’, जबकि पहली हिंदी फिल्म 1951 में आई ‘बहार’।
उनकी फिल्मों और अदाकारी के बारे में तो सभी जानते हैं और ये भी कि वैजयंती माला को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वे पहली ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्हें दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा मिला।
वैसे जितना यादगार उनका फिल्मी सफर रहा है उतनी ही दिलचस्प उनकी लव लाइफ भी। वैजयंती माला के पहले लव और फिर लाइफ पार्टनर के बारे में जानकर सभी हैरान रह गए। दरअसल एक बार उन्हें निमोनिया हुआ जिसका इलाज डॉ. बाली कर रहे थे, जो उनके बहुत बड़े फैन भी थे। इलाज के दौरान ही दोनों को प्यार हुआ और दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
वैजयंती माला राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। शास्त्रीय नृत्य को फिल्मों में अलग पहचान दिलाने वाली वैजयंती माला जी को UNBIASED INDIA की टीम और पाठकों की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।