मन की फिटनेस के बारे में क्या ख्याल है?

हलो दोस्तों। हम सभी अपनी फिटनेस के लिए बहुत कुछ करते हैं। Fat To Fit की journey तय करने के लिए रात दिन एक कर देते हैं। अपनी ब्यूटी को किसी ड्यूटी की तरह लेते हैं और अपने रुप को भी बिल्कुल चकाचक बना कर रखते हैं। कुल मिलाकर अपने तन की काया के लिए हम बहुत कुछ करते हैं। जिम, योगा, ब्यूटी पार्लर, अच्छे कपड़े आदि आदि। लेकिन इस तन के अंदर जो प्यारा सा मासूम सा मन है उसकी फिटनेस के लिए आप क्या करते हैं। क्या हुआ… क्या सोच रहे हैं कि मन की फिटनेस क्या होती है ? मन की फिटनेस यानी क्या आपका मन खुशी और उत्साह से भरा रहता है? क्या आप अपने मन के हर भाव को show कर पाते हैं?
अगर इसका जवाब हां है तो आपका मन फिट है और अगर इसका जवाब ummmm या ना है तो कुछ ख़ास टिप्स जो आपके मन को रखेंगे फिट। बोले तो आज का फिटनेस फंडा आपके मन के नाम।

  • सबसे पहले अपने घर से negativity को हटाइए। यानी जब आप सुबह सोकर उठें तो आपको बिखरा हुआ नहीं बल्कि साफ सुथरा और positive माहौल मिले। ज़रुरी नहीं कि हर चीज़ अपनी जगह पर हो पर ये ज़रुरी है कि घर में कोई भी टूटा फूटा या गंदा सामान न रखा हो। हममें से कई लोगों की आदत होती है कि कोई सामान कितना भी खराब क्यों न हो चुका हो, उसे घर से बाहर नहीं निकालते। पर विश्वास मानिए टूटी चीज़ों से कभी भी positivity नहीं मिल सकती। इसलिए ऐसी चीजों को घर से बाहर कीजिए।
  • अगर घर में जाले लगे हों, तो उन्हें साफ कीजिए। कुछ लोगों के लिए आंख खुलते ही सूरज के दर्शन होने मुश्किल हो सकते हैं पर कोशिश कीजिए कि जाले या धूल को देखते हुए भी आंख न खुले। जाले उलझन के प्रतीक माने गए हैं तो कोशिश कीजिए घर के जाले मन को उलझन से न भर पाएं।
  • धूप में बैठकर चाय या अखबार का आनंद ज़रुर लें। धूप से विटामिन डी मिलता है और साथ ही आपका मन दिन भर बिल्कुल चुस्त दुरुस्त महसूस करता है।
  • कोशिश कीजिए कि सुबह उठते ही सोशल मीडिया पर एक्टिव होने की जगह अपने उन प्यारे रिश्तों के साथ एक्टिव हुआ जाए जो आपके पास हों, साथ हों या फिर दूर।
  • सुबह के काम करते हुए संगीत ज़रुर सुनें।
  • अपने घर में सुबह धूप और दीपक जरुर जलाएं। इससे आपको बहुत ही सुकून मिलेगा।
  • कई बार पढ़ाई का stress ,टीचर की डांट का डर या फिर ऑफिस में बॉस से अनबन आपको टेंशन से भर देती है। ऐसे में आप मुसकुराने की कोशिश कीजिए। एक बढ़िया सी चाय पीजिए और अपनी पसंद का कुछ खाइए। फिर देखिएगा मूड कैसे ठीक होता है।
  • अगर आप बहुत ज्यादा डिप्रेशन महसूस करते हैं तो चॉकलेट खाइए। अपनी परेशानी के बारे में अपनों से बात कीजिए या फिर किसी मनोचिकित्सक से बात कीजिए।
  • याद रखिए कि मन का निराशा से भरा होना सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि मन थकान महसूस करता है। कई बार कई तरीकों से मन बताता है कि वो थक रहा है, पर हम खुद को बदलते ही नहीं और फाइनली मन की बैट्री बिल्कुल डाउन हो जाती है। तो कोशिश कीजिए की इसकी नौबत न आए।
  • •अपने रिश्तों में ईमानदार रहिए। जिसका साथ पसंद है उसे बताइए कि आप रहना चाहते हैं उसके साथ। और जिसका साथ नापसंद, उससे भी उचित दूरी बना लीजिए। क्योंकि सबकी feelings को बचाने के चक्कर में हम कई बार खुद को ही तकलीफ पहुंचाने लगते हैं। अब ये तो मुमकिन नहीं है न कि एक इंसान हर किसी को खुश रख सके। पर ये तय है कि हर इंसान खुद को खुश रख सकता है।
  • इस बात को कभी न भूलिए कि हर पल, चाहें वो अच्छा हो या बुरा, गुज़रता ज़रुर है। इसलिए हालातों से भागने के बजाय उनका सामना डटकर कीजिए।

मन को खुश रखिए। वो हर काम कीजिए जिसमें मन को सुकून महसूस हो। रात को जब आप सोने जाएं तो आपको बिना ये कहे नींद आ जाए कि अरे, आज तो नींद ही नहीं आ रही। सुबह जब आप उठें तो चेहरे पर मुसुकान हो। फिर देखिए फिट मन के साथ ज़िंदगी कैसे हिट होती है। और हां आज संडे स्पेशल में कुछ यमी सा बनाइए और खाते हुए मेरी तरफ से फिल्म घायल का ये गाना सुनिएगा-

सोचना क्या जो भी होगा देखा जाएगा,
कल के लिए..आज को न खोना,
आज ये न कल आएगा।
सोचना क्या जो भी होगा देखा जाएगा
जो होना होगा, होगा वही
सोचकर तू क्या पाएगा।

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