जबरिया इश्क़

इश्क़ पर ज़ोर नहीं, है यह वो आतिश ग़ालिबजो लगाए न लगे और बुझाए न बुझे।…

कोई आपको छोड़कर जा रहा तो यह उसकी बदनसीबी, आप अपनी ही ज़िंदगी का साथ मत छोड़िए…

किसी की ज़िंदगी की हक़ीकत जब ख़बर बनकर सामने आती है तो जाने कितनों की नींद…

रिश्ता है पर अहसास नहीं? कभी सोचा है क्यों?

कहने को सब ही हैं ख़ास,फिर क्यों नहीं है कोई पास ?गर सभी अपने हैं,फिर क्यों…