विश्व पर्यावरण दिवस पर पढ़िए डॉ. सुजाता की कविता... खेलने दो बच्चों को मिट्टी से
Category: साहित्य सरिता
स से साहित्य पढ़िए…
मैं ज़िंदगी का दीया जलाती हूं!
जिंदगी को जब मैं अपने रंग दिखाती हूँ,वो दीया बुझाती हैं, मैं दीया जलाती हूं! मैं…
Daughter’s Day | बेटियां
चिड़ियों की झुंड सीचहचहाती हैं बेटियां,पगडंडियों पर नीले—पीले आंचल उड़ाती हैं बेटियां!आंगन की तुलसी बन घर…
हैप्पी बर्थडे… चन्नर काका
प्रेमचंद की जयंती पर विशेष कथा सम्राट प्रेमचंद का नाम कौन नहीं जानता? आज उनकी जयंती…
अजीब सी चाहत है मेरी…
बड़ी अजीब चाहत है मेरी,जहाँ नहीं होता कुछ भीमैं वहीँ सबकुछ पाना चाहती हूँ, वहीं पाना…
इश्क़ और बारिश…
इश्क का नशा औरबारिश की एक बूंद,दोनों एक से है।प्यार में बावरा मन औरठंडी हवाओं में…
मन भयो तोहार पिया…
सवनी ई सुंदर फुहार पियामन भयो तोहार पिया ना… अबकी आम के बगानओहि कजरी उठान बही…
पीपल और गुलमोहरी का मौन प्रेम
आरी कुल्हाड़ी झेलती हुई गुलमोहरी का अस्तित्व आज नष्ट ही होने वाला था कि उसने पीपल…
चाहतों को मुख्तसर कर दिया…
सारी दुनियां से ही बेखबर कर दिया,उसने मुझपे ये कैसा असर कर दिया। कर दिया बूंद…
रोटी सबसे बड़ी
मेरे भी कई ख्वाब थे,उन ख्वाबों मेंगगन को छू लेने जैसे अहसास थे पर,हकीकत की दुनिया…
कब्र पर कहानियां
खेतों की कब्रों पर लिखी गयी एकांत कहानियां, जहाँ पर आकाश का सूनापन मन के खाली…