ज़िंदगी से खुशी की कुछ यूं हुई मुलाक़ातकोई सुन भी न पाया बस ख़ामोशी से होती रही बात।जी हां, हाल ही में एक महाशय हमारे घर पधारे। हमने उनसे पूछा कि कैसे हैं आप, तो गरम गरम चाय पीते हुए बोले कि ठीक ही हैं, अब इस कोरोना काल में क्या ही अच्छे होंगे। फिर […]Read More
Category : Sunday with Shweta
… ताकि हर Sunday हो Fun-day
किसने लिखा नहीं पता, पर जिसने भी लिखा है क्या खूब लिखा है- मंज़िल पर सफलता का निशान चाहिएहोठों पर खिलती हुई मुस्कान चाहिएबहलने वाले नहीं हम छोटे से टुकड़े सेहमें तो पूरा का पूरा आसमान चाहिए। वाकई अपने हिस्से के आसमान पर सभी का हक़ है। लेकिन इसे पाने के लिए ज़रूरी है ज़िद […]Read More
हलो दोस्तों। हम सभी अपनी फिटनेस के लिए बहुत कुछ करते हैं। Fat To Fit की journey तय करने के लिए रात दिन एक कर देते हैं। अपनी ब्यूटी को किसी ड्यूटी की तरह लेते हैं और अपने रुप को भी बिल्कुल चकाचक बना कर रखते हैं। कुल मिलाकर अपने तन की काया के लिए […]Read More
आप सभी को आपकी इस सखी श्वेता और दोस्त UNBIASED INDIA की तरफ से रामनवमी और दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! कुनकुनी ठंड ने दस्तक दे दी है। अक्टूबर जाने को है और नवंबर आने को है। कुछ महीनों में साल भी बदल जाएगा, लेकिन 2020 ने कोरोना काल बनकर जिस तरह हम सभी की ज़िंदगियों […]Read More
Developmental Language Disorder Awareness Day Special साल 2018 में रानी मुखर्जी की एक फिल्म आई थी हिचकी, जिसमें रानी मुखर्जी टोरैटे सिंड्रोम से जूझती नज़र आती हैं। पर आज मैं बात रानी मुखर्जी या फिर इस फिल्म के बारे मे नहीं करने वाली। न मैं आपसे कहूंगी की तारे ज़मीन पर फिल्म याद है आपको? […]Read More
‘उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगरये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया’मुनव्वर राणा मुनव्वर राणा साहब के इस शेर के मायने कोई भी कुछ भी निकाल सकता है।पर, मैं जितनी बार भी इसे पढ़ती हूं मुझे लगता है कि वो कह रहे हैं कि जो भी चीज़ आपके सपनों को […]Read More
हलो दोस्तों, उम्मीद है कि आप सभी अपनी ज़िंदगी के हर एक पल को खुलकर जी रहे होंगे, बिना प्रेशर कुकर बने हुए। क्योंकि प्रेशर कुकर भी खाना पकने का सिग्नल सीटी बजाकर देता है न, और तब भी गैस बंद न करो तो क्या होता है, वो बताने की ज़रुरत नहीं।हमारी ज़िंदगी का भी […]Read More
‘थोड़ा सा रफू करके देखिएफिर से नई लगेगीज़िंदगी ही तो है’। गुलज़ार साहब की इन चंद पंक्तियों में ज़िंदगी की एक बहुत बड़ी Philosophy छिपी है। शायद ही किसी की भी ज़िंदगी ऐसी हो जहां सब कुछ बिल्कुल perfect हो। उतार- चढ़ाव तो आने ही हैं और आते भी रहेंगे। पर मुझे आज तक ये […]Read More
दोस्तों, हम सभी की लाइफ में एक ऐसा पल ज़रुर आता है जब हमें लगता है कि कोई हमें आकर बताए कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। कोई आकर बस ये कह दे कि जो तुम सोच रहे हो वो बिल्कुल ठीक है। या फिर कोई इंसान यही कह दे कि दौर कितना […]Read More
फिल्म Mary Kom का एक डायलॉग है कि ‘किसी को इतना भी मत डराओ कि डर ही खत्म हो जाए’। बात तो सही है, फिर आखिर क्यों ये डर हमारे अंदर से खत्म नहीं होता? हम रात के अंधेरे से डरते हैं जबकि हम जानते हैं कि हर रात की सुबह ज़रुर होती है। हम […]Read More
ज़िंदगी, ज़िंदगी, ज़िंदगी। अचानक ही बहुत भारी सी लगने लगती है न, ऐसी जैसे जाने इसका वज़न अचानक बहुत बढ़ गया हो, और फिर लगने लगता है कि क्या करें कि ये थुलथुल से स्लिम ट्रिम लगने लगे। इतनी हल्की जैसे रुई का फाहा। इतनी नाजुक जैसे ओस की बूंद। इतनी मासूम जैसे बच्चे की […]Read More
आज है दमदार रविवार, तो मैंने सोचा कि क्यों न आपसे कुछ ऐसी दिलचस्प बातें शेयर की जाएं जिन्हें पढ़ने के बाद आप कहें कि अरे, ये तो मुझे पता ही नहीं था, या फिर अरे वाह, ये तो कमाल की बात है। तो चलिए बातों-बातों में आपको कुछ दमदार बातें बताती हूं। लिज्जत की […]Read More
जब से कोरोना की हमारी लाइफ में एंट्री हुई है तब से हमारे और पार्लर के बीच भी नो एंट्री का बोर्ड लग गया है। अब सवाल ये उठता है कि अगर हम घर पर हैं तो क्या अपनी स्किन का ख्याल रखना बंद कर दें? जवाब है, बिल्कुल नहीं। इसीलिए तो संडे स्पेशल में […]Read More
पूरे हफ्ते की भागदौड़ के बाद आता है अपना कूल—कूल सा संडे। वैसे तो इस कोरोना काल में हर दिन ही संडे टाइप है फिर भी संडे तो संडे है। पर, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने ठान लिया है कि हर दिन को एक जैसा ही बनाना है। पर जनाब, पूरे हफ्ते में एक […]Read More