विषयों और वस्तुओं के प्रमुख पांच अंगों को पंचांग कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के ये पांच अंग हैं— तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण।
आचार्य राजेश के अनुसार, वैदिक पंचांग में इन्हीं पांच अंगों की जानकारी दी जाती है
श्री विक्रम संवत : 2077
ऋतु : शरद
मास : अधिक आश्विन
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वादशी (रात्रि सुबह 9:42 बजे तक, उपरान्त त्रयोदशी तिथि)
नक्षत्र : धनिष्ठा (रात्रि दोपहर 12:23 बजे तक, उपरांत शतभिषा नक्षत्र)
योग : धृति (रात्रि 10:01 बजे तक उपरांत, शूल योग)
आज का दिशाशूल
पूर्व दिशा और दक्षिण पूर्व कोण
दिशाशूल का निदान
अति आवश्यक यात्रा करना पड़े तो आईने में अपना चेहरा देखकर निकलें। साथ ही तुलसी के पौधे में जल दें और आशुतोष भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करें। भोलेनाथ की अर्धा परिक्रमा करके यात्रा प्रारंभ करें तो शुभ होगा।
अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11:24 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक
आज का राहुकाल
सुबह 7:18 बजे से 8:48 बजे तक