श्री पीताम्बरा पीठ मध्य प्रदेश राज्य के दतिया शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर परिसर (एक आश्रम सहित) है। यह कई पौराणिक कथाओं के साथ-साथ वास्तविक जीवन में लोगों की ‘तपस्थली’ (ध्यान का स्थान) है। यहाँ स्थित श्री वनखंडेश्वर शिव के शिवलिंग को महाभारत के समकालीन के रूप में अनुमोदित किया जाता है। यह मुख्य रूप से शक्ति (देवी माँ को समर्पित) का आराधना स्थल है।
राजसत्ता की देवी
कहते हैं विधि—विधान से अगर अनुष्ठान कर लिया जाए तो मां जल्द ही पूरी कर देती हैं भक्तों की मनोकामना। मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है और इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं। राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं।
शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी
माँ पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी हैं और राजसत्ता प्राप्ति में माँ की पूजा का विशेष महत्व होता है। दिन में तीन बार मॉं का रूप बदलता है। सुबह,दोपहर और शाम में जब भी मॉं की मूर्ति देखेंगे तो भिन्न रूप दिखाई देता है।
मां बगुलामुखी ही पीतांबरा देवी
माना जाता है कि मां बगुलामुखी ही पीतांबरा देवी हैं इसलिए उन्हें पीली वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। लेकिन मां को प्रसन्न करना इतना आसान भी नहीं है। इसके लिए करना होता है विशेष अनुष्ठान, जिसमें भक्त को पीले कपड़े पहनने होते हैं। मां को पीली वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं और फिर मांगी जाती है मुराद।