आखिर यूपी में क्यों उठ रही राष्ट्रपति शासन की मांग?

उत्तर प्रदेश में इस समय जोर—शोर से राष्ट्रपति शासन की मांग हो रही है। तमाम सियासी दलों के सुर इस मामले में एक हो चुके हैं और सबका यह गंभीर आरोप है कि यूपी में कानून—व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सरकार नाम की कोई चीज नहीं रही है। जंगलराज कायम है। हाल में देश में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का खिताब झटक चुके योगी आदित्यनाथ से यदि इस समय जोर—शोर से कुर्सी झटकने की बात हो रही है तो सवाल स्वाभाविक है कि आखिर ऐसा क्या हो गया? … और जवाब है— हाथरस कांड!

उत्तर प्रदेश के सियासी दलों से लेकर देशभर के नेताओं तक का गुस्सा हाथरस कांड पर यूपी सरकार के खिलाफ फूट रहा है। यही नहीं, आम जनता भी यूपी में कानून—व्यवस्था की दुर्दशा पर इस समय आक्रोशित है। सोशल मीडिया पर हाथरस मामला टॉप ट्रेंड में है। इस बीच रातोंरात गैंगरेप की पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिए जाने से यह आक्रोश चरम पर पहुंच गया है।#HathrasHorrorShocksIndia
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जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट करते हुए कभी योगी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है तो कभी उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है। कभी हाथरस की पीड़िता के साथ न्याय करने की बात हो रही है तो कभी राष्ट्रपति से उत्तर प्रदेश के हालात देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग हो रही है।

किसने क्या कहा?

यूं भी नहीं है कि हाथरस पर यूपी सरकार को घेरने वालों में सिर्फ आम लोग और नेता ही हैं। इस समय मीडिया का भी पूरा ध्यान इस मामले पर है। पत्रकारों ने भी सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। खासकर, पीड़िता के शव का रातोंरात जबरन अंतिम संस्कार कराए जाने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दिल्ली के एक पत्रकार अरविंद ने ट्वीट किया है—

यूपी पुलिस का कहना है कि पीड़िता के परिजनों की सहमति से उसका अंतिम संस्कार किया गया लेकिन पुलिस के इस दावे की धज्जियां उड़ाते हुए लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं। एनडीटीवी की न्यूज एंकर गार्गी ने भी इस बारे में लिखा है जो यूपी पुलिस के दावे की पोल खोल रहा है—

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी रात में अंतिम संस्कार कराए जाने पर सरकार की मंशा पर प्रहार किया है—

सुप्रीम कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस ट्वीट के साथ सवाल उठाया है—

कपिल सिब्बल ने पीड़िता के साथ हुई हैवानियत का जिक्र करते हुए यूपी सरकार की को लानत—मलानत की है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के हवाले लिखा है कि महिलाओं के साथ अपराध में यूपी टॉप पर है। पढ़िए सिब्बल का यह ट्वीट—

सभी प्रमुख मसलों पर मुखर रहने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने इस ट्वीट के साथ योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की हैं—

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने सरकारी संवेदनहीनता पर प्रहार किया है—

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई कर दोषियों को जल्द सजा देने की मांग की है—

आप नेता संजय सिंह इस मसले पर लगातार हमलावर हैं—


हाथरस में हैवानियत : क्या है पूरा मामला

​हाथरस की घटना पर देश में यह उबाल यूं ही नहीं है। हाथरस की 19 साल की लड़की के साथ दरिंदों द्वारा की गई हैवानियत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। कल मंगलवार को तड़के तीन बजे पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद गम और गुस्से ने सब्र का बांध तोड़ दिया। पीड़िता ने तो दम तोड़ दिया लेकिन इंसाफ दम न तोड़े, इसके लिए हर तरफ से आवाज उठ रही है।
दरअसल, घटना 14 सितंबर की है। हाथरस के चंदपा क्षेत्र की एक 19 साल की युवती पशुओं का चारा लेने के लिए अपनी मां के साथ खेत पर गई थी। आरोप है कि गांव के ही चार दरिदों ने उसे एक खेत में खींच लिया और रेप किया। इस दौरान युवती के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। वारदात के बाद पीड़िता को पहले अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया लेकिन हालत नहीं सुधरी तो दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया। पीड़िता ने दो सप्ताह तक जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए आखिरकार दम तोड़ दिया। इस मामले में पीड़िता की जीभ काटे जाने जैसी बातें सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा चरम पर है। हालांकि मामले में पुलिस ने एक-एक करके सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लापरवाही पर इलाके के थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया है लेकिन लोगों की मांग है कि दरिंदों को फांसी दी जाए और इसी बहाने विपक्षी नेताओं की मांग है कि यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

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