बॉलीवुड के संजू बाबा कहिए, खलनायक, कांचा चीना या फिर मुन्ना भाई। जितने दमदार अंदाज़ में अभिनेता संजय दत्त ने हर किरदार को निभाया, उतने ही शानदार उनके डायलॉग भी रहे हैं। तो आज हम संजय दत्त के जन्मदिन पर लाए हैं आपके लिए उनके दमदार डायलॉग्स।
“शराफत की किताब में मुझे खलनायक कहते हैं” “जिंदगी के हर नाटक में एक होता है नायक, और एक होता है खलनायक” (फिल्म- खलनायक)
“असली है असली…पचास तोला, पचास तोला…कितना? पचास तोला !” “मुंबई पे राज करता हूं, राज” “तेरे कर्म ही नहीं रे, तेरी पूरी आत्मा ही सड़ेली है सड़ेली” (फिल्म: वास्तव)
“सारा दिन तू भौंकेगा, या काटेगा भी?” (फिल्म: कांटे)
“तुम लोगों के भेजे में बात तो जाती नहीं है, सिर्फ गोली जाती है” (फिल्म: शूटआउट ऐट लोखंडवाला)
“बॉडी में 206 टाइप का सिर्फ हड्डी है, तोड़ने के टाइम अपुन लोग सोचते थे क्या?” (फिल्म: मुन्नाभाई MBBS)
” तुम क्या लेकर आए थे…और क्या लेकर जाओगे?” (फिल्म: अग्निपथ)
“ज़िंदगी जीने का मज़ा तब आता है, जब मौत की उंगलियां थामकर भागा जाए”। (फिल्म: आतिश)
“एक गोली डाली, पांच खाली…सिर पर तानी, खोपड़ी खाली।” “ज़िंदगी में लक सिर्फ उसका काम देता है जिसमें जीतने का जज्बा हो”। (फिल्म: लक)
वाकई जीतने के जज्बे के बगैर तो किस्मत भी आपका साथ नहीं देगी। तो ज़िंदगी के हर संघर्ष को चुनौती मानिए और जीत की राह पर आगे बढ़ते जाइए। और आज तो बस मुन्ना भाई की फिल्मों के इसी तरह के डायलॉग्स सुनिए, खुद को मोटिवेट कीजिए और कहिए HAPPY B’DAY MUNNA BHAI.