सिटी ऑफ जॉय यानी कोलकाता। क्या आप जानते हैं कि कला और संस्कृति की धरोहर को खुद में संजोए इस शहर की स्थापना कब हुई थी? जवाब है— आज ही तो हुई थी। जी हां, 1690 में 24 अगस्त को ही हुई थी कलकत्ता शहर की स्थापना।
तो क्यों न आज आपको इस शहर की सैर कुछ यूं करायी जाए कि आप इसके वो रंग भी देख सकें जो इसे बनाते हैं बेहद ख़ास, माने आमी बोलबे बहुत बिसेस।
• दिल्ली के बाद कोलकाता भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
• आपको पता है हम सबके पसंदीदा रोशोगुल्ला यानी रसगुल्ला को सबसे पहले 1868 में कोलकाता के ही एक हलवाई नोबिन चंद्र दास ने बनाया था। उसके बाद एक सेठ ने जब रोशोगुल्ला का स्वाद लिया तो उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने सबको चखाया, और बस तब से रोशोगुल्ला सबका प्यारा रसगुल्ला बन गया।
• पढ़ने के शौकीन लोगों के लिए कोलकाता किसी स्वर्ग से कम नहीं है। भारत की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी यहीं है। इसके अलावा राष्ट्रीय पुस्तकालय भी हैं यहां। इतना ही नहीं हर साल यहां लगने वाला किताब मेला दूर दूर से पढ़ने वालों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। एशिया का सबसे बड़ा बुक फेयर यहीं लगता है जो कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बुक फेयर है।
• एशिया का सबसे बड़ा तारामंडल बिरला तारामंडल भी कोलकाता में स्थित है।
• यहां के लोगों में फुटबॉल को लेकर ख़ासा क्रेज है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियम साल्ट लेक स्टेडियम यहीं है।
• यहां की खूबसूरती से आकर्षित होकर अंग्रेजों ने इसे भारत की राजधानी बनाया था।
• कोलकाता का ईडन गार्डन स्टेडियम बैठने की क्षमता के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है।
• यूनाइटेड किंगडम के अलावा दुनिया में बने सबसे पहले गोल्फ क्लब का खिताब रॉयल कैलकटा गोल्फ क्लब के नाम है।
• भारत की पहली मेट्रो ट्रेन 1984 में कोलकाता में ही चली थी।
• कोलकाता में 3.5 एकड़ ज़मीन में फैला बरगद का पेड़ है, जो कि दुनिया का सबसे घना पेड़ है।
• कला और संस्कृति के साथ साथ कोलकाता शहर ज़ायकों के लिए भी मशहूर है।
• हुगली नदी के ऊपर बना हावड़ा ब्रिज देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा ब्रिज है, जिसे अंग्रेजों ने बनवाया था।
• कोलकाता साइंस सिटी देश की सबसे बड़ी साइंस सिटी है।
तो कहिए कैसी लगी कोलकाता की सैर? कुछ अलग पढ़ना हो, देखना हो या सुनना हो तो बस एक प्लेटफॉर्म पर आइए, जो है-
UNBIASED INDIA, सच से सरोकार।