मलमास या अधिकमास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मपुराण में कमला एकादशी या पद्मिनी एकादशी के नाम से संबोधित किया गया है। मलमास या पुरुषोत्तम मास में पड़ने के कारण इसे पुरुषोत्तम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
आचार्य राजेश के अनुसार, इस बार पद्मिनी एकादशी 27 सितंबर, रविवार को है। एकादशी तिथि आज सुबह 06:02 बजे शुरू होगी और 28 सितंबर को सुबह 07.50 मिनट पर समाप्त होगी।
सभी व्रतों में श्रेष्ठ है एकादशी
एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। मलमास या पुरुषोत्तम मास बेहद पवित्र माना जाता है और इस माह में एकादशी का पड़ना बहुत ही शुभ फलदायी कहा गया है। इस व्रत को करने से महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पद्मिनी एकादशी का महत्व
कहते हैं कि पद्मिनी एकादशी का व्रत करने वाला हर प्रकार के दुखों से छूट जाता है और अंत में उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस बार यह एकादशी रविवार को पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व औऱ भी बढ़ गया है। जिस तरह अधिकमास तीन साल में एक बार आता है, उसी प्रकार यह एकादशी भी तीन साल में एक बार आती है।
भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के साथ सूर्यदेव का भी विशेष पूजन अर्चन करना चाहिए। अधिकमास में इस व्रत का महत्व स्वयं स्वंय भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को बताया था। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा एक साथ करने से जीवन में कई परेशानियों का अंत हो जाता है।