LIFE tips | जब कोई बात बिगड़ जाए

‘थोड़ा सा रफू करके देखिए
फिर से नई लगेगी
ज़िंदगी ही तो है’।

गुलज़ार साहब की इन चंद पंक्तियों में ज़िंदगी की एक बहुत बड़ी Philosophy छिपी है। शायद ही किसी की भी ज़िंदगी ऐसी हो जहां सब कुछ बिल्कुल perfect हो। उतार- चढ़ाव तो आने ही हैं और आते भी रहेंगे। पर मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आई कि जब भी हम किसी बात पर उदास होते हैं, या फिर किसी भी वजह से हमारा मन टूटा हुआ महसूस करता है तो हम ख़ुद को दीन—हीन type क्यों बना लेते हैं?
यह सब लिखते हुए मुझे याद आ रही हैं बॉलीवुड की वो फिल्म्स जिनमें हीरोइन का जैसे ही दिल टूटता है वो प्लेन काली साड़ी में किसी पहाड़ी पर खड़े होकर गाने गाती है, या फिर कोई हीरो जो निराशा के बादलों से घिरा रेगिस्तान की रेत में लोट—लोट कर गाता है। खैर, jokes apart. क्या फर्क पड़ता है कि कोई अपने दर्द को कम कैसे करता है। पर क्या ये ज़रुरी है कि अगर कोई भी दुख या परेशानी आए तो हम ढेर सारा तेल बालों में लगाकर घर के किसी कोने में उदास होकर बैठ जाएं?
हाल ही में एक दोस्त की नौकरी चली गई, अंदर से वो बहुत पेरशान थी लेकिन बाहर से वो बिल्कुल सामान्य व्यवहार कर रही थी। तो उससे एक दूसरे दोस्त ने कहा, यार, तुम तो बड़े हिम्मती हो, इतनी बड़ी परेशानी है पर तुम्हारे चेहरे पर शिकन तक नहीं? वह बस मुस्करा दी और मुझसे जिक्र किया कि हर परेशानी के बाद क्या मातम जरुरी है? और मेरा जवाब था— बिल्कुल नहीं!
… तो इस संडे सवाल यही है कि किसी भी परेशानी में माथे पर शिकन क्यों चाहिए? आंखों में उदासी हो या फिर उम्मीदें, आंखें तो आपकी ही हैं। फिर जब हमें पता है कि कोई भी परेशानी या दुख permanent नहीं है तो हम आखिर क्यों खुद को दर्द के दरिया में डुबो दें?

तो आइए इसी बात पर आपको कुछ टिप्स देती हूं, जिन्हें आपको दिमाग में रखना है तब, जब कोई बात बिगड़ जाए।

  • हमेशा ये बात याद रखिए कि वक्त बदलता ज़रुर है। अगर अच्छा वक्त नहीं टिका तो बुरा भी नहीं टिकेगा।
  • अगर आपको पता चलता है कि जिस शख्स पर आपका खुद से भी ज्यादा भरोसा था, उसी ने आपके साथ विश्वासघात किया है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप खुद को कोसना शुरु कर दें। बल्कि इसका मतलब ये है कि आपको अभी लोगों को समझने में वक्त लग रहा है। और ये उस शख्स की बदकिस्मती है जो आपके विश्वास की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया।
  • कई बार कुछ हासिल करने की कई कोशिशें नाकाम हो जाती हैं और हमें लगने लगता है कि हमसे बड़ा looser कोई नहीं। तो ऐसे में आप उन छोटे—छोटे बच्चों को देखा कीजिए जो भले ये नहीं जानते कि वो जिस चीज़ के लिए ज़िद कर रहे हैं वो मिलेगा या नहीं लेकिन हर तरह से कोशिश करते हैं। कितनी आसानी से पहले खुद रुठते हैं और फिर अपने पैरेंट्स को मना लेते हैं। और यदि नहीं मानें तो रोने—धोने के बाद फिर मुस्कुराने लगते हैं। यही attitude हमारा भी होना चाहिए कि कोशिश करते रहना है। फिर देखिएगा झक्क मारकर ही सही, कामयाबी मिलेगी ज़रुर।
  • निराशा के बादल कितने भी घने क्यों न हों, भले ही आंसू की बारिश हमें भिगोए जा रही हो, तब भी खुद को इस तरह तैयार कीजिए कि Its ok, चलता है, बस थोड़ी देर की बात है। फिर तो सब ठीक होना ही है।
  • कभी भी खुद पर किसी कटाक्ष या बुरे शब्दों को हावी न होने दें। कहने का मतलब ये कि ज़िंदगी की सड़क smooth नहीं है। इस पर चलते समय गड्ढे भी मिलेंगे, तो इसका मतलब ये नहीं कि हम भूल जाएं कि आगे अच्छा रास्ता भी मिलेगा।
  • जब मन बहुत उदास हो तो एकदम लल्लनटॉप स्टाइल में तैयार होइए। उस इंसान के साथ वक्त बिताइए या बातें कीजिए जिससे बातें करने में आपको खुशी मिलती है।
  • ज़िंदगी का फीकापन हावी होने लगे तो कुछ चटपटा या फिर मीठा खाइए।
  • पसंद के गाने सुनिए। या फिर कोई बढ़िया सा कार्टून शो देखिए। मूड एकदम ढिनचैक हो जाएगा।
  • अपने ज़िंदगी की लिस्ट से Negative लोगों को माइनस कर दीजिए और positive लोगों को प्लस। फिर देखिएगा कैसे हर बिगड़ी बात ठीक होती नज़र आएगी।

दोस्तों, ज़िंदगी वाकई बहुत कीमती है। इतनी कीमती कि इसके आगे किसी परेशानी, किसी दर्द, किसी हादसे का कोई मोल नहीं। क्योंकि ज़िंदगी है अनमोल। तो बस LIFE को लेकर एक फंडा बनाइए कि चाहें जैसे भी हालात हों, हार नहीं मानेंगे। हंसते, मुस्कुराते, खिलखिलाते हर हालात से उबर जाएंगे।

… और हां, अगले संडे फिर पढ़ना न भूलिए

One thought on “LIFE tips | जब कोई बात बिगड़ जाए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *