Mridini जून 21, 2020 सच्ची—मुच्ची, सितारे सुशांत! लौट आओ ना… जब रात बहुत गहरा चुकी होगी,सूरज अंबर की चादर से धीरे—धीरेबाहर झांक रहा होगा,तब मैं आकाश की ओर देखूंगी,वहां जो…