Gulzar Birthday | गुलज़ार से ज़िंदगी गुलज़ार है…
‘मेरी लिखी बात कोहर कोई समझ नहीं पाताक्योंकि…. मैं अहसास लिखता हूंऔर लोग अल्फ़ाज़ पढ़ते हैं’।. गुलज़ार … गुलज़ार अहसासों को अल्फाज़ों में कुछ इस कदर उतार देते हैं कि उन्हें पढ़ने वाला, सुनने वाला हर शख्स उसमें खो सा जाता है या कह लीजिए कि बस उन्हीं का होकर रह जाता है। अल्फ़ाज़ और