अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस | ज़िंदगी मांगे More ज़िद

‘उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर
ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया’
मुनव्वर राणा

मुनव्वर राणा साहब के इस शेर के मायने कोई भी कुछ भी निकाल सकता है।पर, मैं जितनी बार भी इसे पढ़ती हूं मुझे लगता है कि वो कह रहे हैं कि जो भी चीज़ आपके सपनों को पूरा होने से रोके, सुकून छीन ले, वो अजीज़ हो या न हो, उससे दूरी बना लेने में ही समझदारी है।

अब सपने अगर आपकी आंखें देख रही हैं तो उन्हें पूरा करने की कोशिशें भी तो आपको ही करनी होंगी। किसी और से ये उम्मीद रखना कि वो आपको या आपके सपनों को समझे, इससे ज्यादा जरुरी ये है कि आप अपने सपने को, अपने मन को समझें कि आखिर वो आपसे क्या चाहता है। जिस दिन हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए सही दिशा में, मेहनत के साथ ज़िद्दी बन जाते हैं न, उस दिन अपनी मंज़िल की तरफ हम कई कदम आगे बढ़ जाते हैं।

अच्छा तो जब आपको अहसास हो जाए कि आप क्या चाहते हैं, वो बिल्कुल सही है या नहीं और यह यकीन हो जाए कि आप उसे हासिल करने के लिए कितनी भी कोशिश कर सकते हैं तो…

मन में इन बातों को अच्छे से बैठा लें

  • हर किसी से अपने सपने को या Future Planning को शेयर न करें। अपनी बात सिर्फ उन लोगों के सामने रखें जिनके बारे में आप बिल्कुल sure हों कि वो आपकी बात को समझेंगे।
  • जब भी कोई आपसे कहे कि ‘तुमसे न हो पाएगा’ तो उससे कहें कि ज़रुर होगा। हमसे न होगा तो भला किससे होगा।
  • मन में हमेशा कहें कि मैं कुछ भी कर सकती हूं।
  • आपने जो भी सपना देखा है या फिर जो भी मुकाम खुद के लिए तय किया है, उस तक पहुंचने के लिए मेहनत करने से मत घबराइए।
  • कभी भी उन चीज़ों के बारे में मत सोचिए जो आपको आपकी मंजिल से दूर करती हों।
  • आपकी हर सकारात्मक सोच और सही दिशा में कोशिश आपको आपके सपने पूरे करने की तरफ बढ़ाती है।
  • बहुत सारे लोग आपको समझाएंगे कि ये क्या task ले लिया, इससे बेहतर तो ये होता, वो होता। पर आपको ये मानकर चलना है कि जब तक आप कुछ हासिल नहीं कर लेते तब तक कोई आपको या आपकी मेहनत को नहीं समझेगा।

आइए आपको कुछ ऐसी लड़कियों से मिलवाती हूं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए लड़ीं। वो लड़कियां जिन्होंने वो मुकाम हासिल किया जहां पहुंचना आज ​कई का ख्वाब बन चुका है।

गीता फोगाट

म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं क्या…? गीता फोगाट के पिता को अपनी बेटी को पहलवान बनाने के लिए लोगों का विरोध, मज़ाक और बहुत कुछ सहना पड़ा। लेकिन पिता के ख्वाब को गीता ने अपनी मेहनत और ज़िद के दम पर पूरा किया और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

साइना नेहवाल

नाजुक सी दिखने वाली इस लड़की के नाम है बैडमिंटन की विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करने का खिताब। साथ ही साइना को राजीव गांधी खेल रत्न, पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है।

दीपिका पल्लीकल

अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित दीपिका पल्लीकल पहली भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विश्व के शीर्ष दस खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई है।

अंजलि भागवत

ओलंपिक के फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला शूटर अंजलि भागवत दस मीटर एयर रायफल के वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं। इन्हें राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

मिताली राज

कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि महिलाएं क्रिकेट खेलेंगी। लेकिन मिताली राज ने न सिर्फ क्रिकेट खेला बल्कि आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में पहला स्थान भी हासिल कर चुकी हैं। आज उनकी गिनती सफलतम बल्लेबाज़ों में होती है।

झूलन गोस्वामी

झूलन को भला कौन नहीं जानता! महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा 196 विकेट लेने का रिकॉर्ड झूलन गोस्वामी के नाम दर्ज है।

ये तो चंद नाम हैं जिन्होंने अपने सपनों के लिए ज़िंदगी से ज़िद की। वो लड़कियां जो समाज की कोरी सोच से लड़ीं और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ीं। मैरी कॉम, कोनेरु हंपी या अंजू बॉबी जार्ज, सुनीता विलियम्स जैसी जाने कितनी जिद्दी लड़कियां हैं जिन्होंने जो चाहा वो हासिल किया। लेकिन कैसे? दरअसल, वो अपनी मंजिल हासिल कर पाईं क्योंकि उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें रास्ते की हर बाधा को पार करना ही है और उन्हें यकीन था कि वो कर सकती हैं। जब हम खुद से कहते हैं YES WE CAN तो हम कुछ भी achieve कर सकते हैं।

… तो बस इस संडे को जब आप पूरी तरह रिलेक्स कर लें तब ये सोचें कि आपको जिंदगी से किस चीज़ के लिए करनी है ज़िद, क्योंकि हम सभी कि ज़िंदगी चाहती है more and more ज़िद। और हां, UNBIASED india पर SUNDAY with Shweta पढ़ने की भी एक ज़िद पाल ही लीजिए।

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