मैं ज़िंदगी का दीया जलाती हूं!

जिंदगी को जब मैं अपने रंग दिखाती हूँ,वो दीया बुझाती हैं, मैं दीया जलाती हूं! मैं…

चाहतों को मुख्तसर कर दिया…

सारी दुनियां से ही बेखबर कर दिया,उसने मुझपे ये कैसा असर कर दिया। कर दिया बूंद…