चाहतों को मुख्तसर कर दिया…

✍️ अंजली

सारी दुनियां से ही बेखबर कर दिया,
उसने मुझपे ये कैसा असर कर दिया।

कर दिया बूंद को वो समंदर
और मेरी चाहतों को मुख्तसर कर दिया।

जगाई है मुझमें ऐसी मुहब्बत,
मुहब्बत को दिल का डगर कर दिया।

जाने क्या बात उसमें थी,
दिल को मेरे वो अपना घर कर दिया।

उसमें दिखने लगा नूर रब का,
हर दुआ वो मेरी नज़र कर दिया।

(छपरा की रहने वाली अंजली साहित्यिक अभिरुचि रखती हैं और काव्य मंचों पर भी सक्रिय रहती हैं। उन्होंने अपनी यह रचना UNBIASED INDIA के साथ साझा की है।)

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